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Cheeti Aur Hathi Ki Kahani | घमंडी हाथी की कहानी

Cheeti Aur Hathi Ki Kahani - नमस्ते दोस्तों मैंने Aapako Do Kahani Yahaan Par आपके साथ शेयर किया है। Cheeti और Hathi व नरेंद्र की कहानी  के बारे में। तो  जरूर से पूरा पढ़े Aapko In Kahani Se कुछ सिख मिल सकता है। तो जरूर से पढ़े।
Cheeti Aur Hathi Ki Kahani
Cheeti Aur Hathi Ki Kahani

Cheeti Aur Ghmandi Hathi - चींटी ने हाथी को कैसे सबक सिखाया?

एक रानी चींटी थी - Was a queen ant

भोजन की तलाश में वह रोज Jangal जाती। सभी चीटियां उसके साथ जाती।उस Jangal में एक हाथि रहता था। वह दिनभर घूमता रहता था। कभी इस पेड़ को तोड़ता,तो कभी उस पेड़ को तोड़ता। कुछ खाता, कुछ फेक देता। लब्मी सूड़ में पानी भरता और नहाता दूसरे Jaanavaro Ko Paanee Se भिगोता। 

जानवरो से वह धक्का मुक्की भी करता, चीटियों को मसल देता। सभी उससे डरते थे। उससे कोई कुछ न कागता। हाथी से सभी तंग थे। Ek Din Kee Baat Hai रानी चींटी हाथी से मिली वह बोली तुम दुसरो को सताते हो Yah Theek Nahin हाथी बोला चुप रह Chhotee See Jaan बित्ता भर जुबान मेरी मर्जी मै चाहे जो करू। 

रानी चींटी ने बोली - Queen queen quote

शेर जी से कह दूंगी हाथी Hasakar Bola Sher Se मेरे दम पर मुखिया है। रानी चीटि चुप हो गई। वह घास में जाकर छिप गई हाथी इधर - उधर घूम रहा था। रानी चींटी चुपके से उसकी सूड़ के अंदर घुसती ही गई। अब रानी Cheeti ने हाथी की Soond को Kaatana Suru Kiya हाथी परेशान होने लगा। Usane Jor Jor Se Soond पटकी। फुक लगाई कोई जुगत काम न आई रानी चींटी ने काटना बंद नहीं किया। हाथी चीख पड़ा। 

तभी रानी चींटी बोली - Only then queen quote

आया मजा बच्चू Ab Kyon Rote Ho,आई नानी याद , रानी Cheeti हाथी को कटती  रही। होती गिर पड़ा बोला चींटी रानी चींटी रानी माफ़ करो माफ़ करो अब किसी को छोटा न मानूंगा। रानी Cheeti ने सोचा Hathi को अब आई अकल रानी चींटी Soond Se Baahar Aaee बोली हाथी दादा हाथी दादा जमाना बदल गया है। Haathee Ne Soond उठाकर हामी भरा। 

देखो घमंडी का सिर हमेशा नीचे ही  होता है, Kabhee Kisee Ko Hamen Kamazor और छोटा नहीं समझना चाहिए  दूसरों के दर्द व तकलीफ़ को समझना ही जीने का सही और अच्छा तरीका होता है। 

Cheeti Aur Hathi & Narendra  Ki  Kahani

गंगा नदी - River Ganga

के किनारे एक प्रशिद्ध शहर है। बनारस, Baat Kaaphee Puraanee Ha, उन दिनों बनारस में गंगा के घाट पर Bahut अधिक बन्दर हो गए थे। वे इतने निडर थे की लोगो के Haath Se Saamaan Chhin लेते थे। खाने का सामान तो वे छोड़ ही नहीं थे।

नरेंद्र - Narendra

एक दिन की बात है। Narendr Naam Ka Ek Ladaka बाजार से वापस आ रहा था। उसने कंधे पर एक झोला लटका रखा था। नरेंद्र धोड़ी दूर ही गया होगा की एक बन्दर उसके पीछे लग गया। 

बन्दर को पीछे आते देखा नरेंद्र ने अपनी चाल बढ़ा दी। बन्दर भी तेज चलने लगा। Bandar Ko Kareeb Aate देखा नरेन्द्द्र भागने लगा। इस शेयर दृश्य को एक सज्ज्न देख रहा था। उन्होंने Narendr Ko Bhaagane Se Roka और कहा - " भागते क्यों हो ? 

नरेंद्र बोला  -  Say Narendra

क्या करू बन्दर पीछे पड़ा है। Us Vyakti Ne Kaha डरकर भागो मत। तुम डर रहे हो इसलिए वह डरा रहा है। रुको,खड़े होकर हिम्मत से उसका मुकाबला करो। नरेंद्र ने हिम्मत दिखाई वह खड़ा हो गया। उसके खड़े होते ही बन्दर भी खड़ा हो गया। Narendr Ne Apana Jhola उठाया और मारने दौड़ा। 

नरेंद्र को अपनी ओर आता देख। बन्दर बन्दर भाग गया। Baalak Ko Saahas Kee Yah Naee Shikh मिली।वही बालक  नरेंद्र आगे चलकर दुनिया में स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रशिद्ध हुआ।

तो मैंने आपको यहां पर दो कहानिया है,जो की Cheeti Aur Hathi Ki Kahani &  Narendra  Ki  Kahani है। मुझे उम्मीद है की ये कहानी आपको पसंद आया हो।







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